उज्जैन अवंतिका में विराजमान

श्री अंगारेश्वर महादेव

श्री अंगारेश्वर महादेव ही भूमिपुत्र मंगल हैं, अवंतिका नगरी के प्राचीन 84 महादेवों में स्थित 43वें महादेव श्री अंगारेश्वर महादेव, जो कि सिद्धवट (वट वृक्ष) के सामने, शिप्रा के तट पर स्थित हैं, जिन्हें मंगल देव (गृह) भी कहा जाता है। माना जाता है कि जो व्यक्ति प्रतिदिन इस महालिंग श्री अंगारेश्वर का दर्शन करेगा, उसका फिर कभी जन्म नहीं होगा। जो इस लिंग का पूजन मंगलवार को करेगा, वह इस युग में कृतार्थ हो जाएगा, इसमें कोई संशय नहीं है।

अंगारेश्वर महादेव
मंगलनाथ मंदिर

पं. प्रशांत व्यास जी

श्री प्रशांत व्यास जी उज्जैन के अंगारेश्वर महादेव मंदिर एवं मंगलनाथ मंदिर में एक समर्पित पंडित हैं। वेदों, उपनिषदों और भगवान मंगल से जुड़े धर्मग्रंथों के उनके गहन ज्ञान ने उन्हें भगवान मंगल की पूजाओं में एक विशेषज्ञ बना दिया है। उनके वर्षों का अनुभव और पारंपरिक अनुष्ठानों एवं मंत्रों के प्रति सख़्त पालन यह सुनिश्चित करता है कि आपके द्वारा किया गया प्रत्येक अनुष्ठान शुभ फलदायी हो। भगवान मंगल के प्रति उनकी अटूट श्रद्धा और भक्तों के कल्याण के प्रति उनकी सच्ची चिंता पूजा के दौरान एक शांत और पवित्र वातावरण बनाती है।

नव गृह शनि
पं. प्रशांत व्यास जी
उज्जैन अंगारेश्वर मंदिर के कई

ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व

मत्स्य पुराण के अनुसार मंगलनाथ ही मंगल का जन्म स्थान माना गया है। कहा जाता है कि अंधकासुर नामक दैत्य को भगवान शिव का वरदान प्राप्त था कि उसके रक्त की बूंदों से सैकड़ों दैत्य जन्म लेंगे। इसी वरदान के चलते अंधकासुर पृथ्वी पर उत्पात मचाने लगा। इस पर सभी ने भगवान शिव से प्रार्थना की। उन्होंने अंधकासुर के अत्याचार से सभी को मुक्त करने के लिए उससे युद्ध करने का निर्णय लिया। दोनों के बीच भयानक युद्ध हुआ। इस युद्ध में भगवान शिव का पसीना बहने लगा जिसकी गर्मी से धरती फट गई और उससे मंगल का जन्म हुआ। इस नवउत्पन्न मंगल ग्रह ने दैत्य के शरीर से उत्पन्न रक्त की बूंदों को अपने अंदर सोख लिया। इसी कारणवश मंगल का रंग लाल माना गया है।

धार्मिक महत्व

WhatsApp
8770466671

Contact Form

संपर्क :

+91 9201456001

ईमेल :

sanatandarshanyatra@gmail.com

kalash

पता :

18, shanku Marg, freeganj ,Ujjain